कहती रहती थी वह मुझसे कोई नही है यहाँ मेरे सिवा तुम्हारा अपना , है रिश्ते मतलब के सारे ,मां-बाप भी नहीं है यहाँ अपने ,जब तक है पैसा तब तक है सारा यहा रिश्ता ,सच निकली उसकी यह सारी बातें ,पश्चता रहा हूँ उसको भी खो कर ,कर लेता अगर कदर में उसकी, पीछे छोड़कर सारे ये रिश्ते, खुश रहता आज मैं भी उसके साथ ,पुरे होते खुद में ही हम दोनों आज! ©words of heart only for you matlabi rishtey hai yaha sare,