अपनी सुविधा की ख़ातिर काट रहे हम पेड़ों को, वन के जानवर पशु पक्षी जीएंगे कैसे जीवन को, गिद्ध गौरैया लुप्त हो गए लुप्त हो रहे बाघ सियार, हालत यही रहा तो एकदिन हो जाएगा जंगल लुप्त, बचेगा न जीवन जंगल में तुम कैसे बच पाओगे, जीवन तुम्हें बचानी है तो ख़ूब लगाओ पेड़ों को, संरक्षण दो पशु पक्षी को जीवन इनको जीने दो, अपनों से तुम्हे प्यार है तो रोज लगाओ पेडों को.! #अजय57