सर्द सुबह के कोहरे सा खूबसूरत, कुनकुनी धूप सी ताज़गी भरा तुम्हारी बाहों का घेरा, सारे ज़माने की बदगुमानी को नज़र अंदाज़ करने पर मजबूर कर देता है, रजाई में लिपटी अंगड़ाई लेती तुम, हैरान कर देती हो कि आज की भागदौड़ में भी कोई इतना बेपरवाह कैसे हो पाता है, हफ्ते के दिनों के मायने बदल देने के लिए, तुम्हारी एक नज़र ही काफी होती है, और यह नामुराद सोमवार भी शनिवार की रात जैसा, खुशनुमा, सुकून भरा महसूस होने लगता है। #writeup #originalwriting #lovetowrite #feelings #mythoughts #heartbeat #tej #kahani