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भारत का युवक कैसा हो! मेरे भारत का हर युवक, खुद मे

भारत का युवक कैसा हो!
मेरे भारत का हर युवक, खुद में एक भारत जैसा हो l
सम्मान करें आर्यव्रत का, और मात-पिता का पालक हो ll 
मुखमंडल की आभा जिसकी,सूर्य समान तेजस्वी हो।
वक्तव्यों में प्रचंड वीर,बाणी जिसकी ओजस्वी हो।।
काया में जिसके शक्ति हो, और जम्मूद्वीप  की भक्ति होl 
प्रचंड  अडिग निष्ठा जिसकी ,और नटवर जैसी युक्ति हो।।
मन में जिसके हो इक उमंग ,दुनिया के देख वो सात रंग। 
विचलित ना हो जो अंश मात,आंखें खोले तो हो प्रभात।l
मस्तक पर जिसके दिव्य लेख,दुश्मन भी कांपे जिसको देख। 
पौरुषता में जिसके विवेक,हासिल की जिसने जीत अनेक।।
 जीवन में सत्य के पथ पर हो ,सेवा में सदा ही तत्पर हो।
प्रभाकर जैसे रथ पर हो, मानो जैसे तीरथपर हो ।।
संपूर्ण जगत कुटुंबकम हो, छड़ एक नहीं अधम कम हो। 
ज्ञानो की लहरी गंगा हो, हाथो में लिए तिरंगा हो।।
मात-पिता का पालक हो, भारत  मां का वो बालक हो। 
दीन दुखी का मित्र बने और ,जीवन रथ का चालक हो।।
मेरे भारत का हर युवक, मन के पटलो पर ऐसा हो।।।

मुख्य मंडल तेजस्वी हो, 
बाणी जिसकी ओजस्वी हो, 
ह्रदय में जिसके करुणा हो ,
इच्छाशक्ति की धारणा हो, 
मन में जिसके उत्साह हो ,
अन्याय जगत में जुगुप्सा हो, 
 काया में जिसके शक्ति हो ,
व्यशनो से जिसकी मुक्ति हो, 
सिंहों के जैसा साहस हो ,
दिव्य शक्ति का आभास हो 
 गुरुओं का सम्मान करें , 
‌भारत माता का वो मान रखें।।

©Durvesh Singh #bharat ka yuvak #swamivivekananda #YubaLekhak #Veerraskavita 

jivan

#Jeevan_ka_gyaan
भारत का युवक कैसा हो!
मेरे भारत का हर युवक, खुद में एक भारत जैसा हो l
सम्मान करें आर्यव्रत का, और मात-पिता का पालक हो ll 
मुखमंडल की आभा जिसकी,सूर्य समान तेजस्वी हो।
वक्तव्यों में प्रचंड वीर,बाणी जिसकी ओजस्वी हो।।
काया में जिसके शक्ति हो, और जम्मूद्वीप  की भक्ति होl 
प्रचंड  अडिग निष्ठा जिसकी ,और नटवर जैसी युक्ति हो।।
मन में जिसके हो इक उमंग ,दुनिया के देख वो सात रंग। 
विचलित ना हो जो अंश मात,आंखें खोले तो हो प्रभात।l
मस्तक पर जिसके दिव्य लेख,दुश्मन भी कांपे जिसको देख। 
पौरुषता में जिसके विवेक,हासिल की जिसने जीत अनेक।।
 जीवन में सत्य के पथ पर हो ,सेवा में सदा ही तत्पर हो।
प्रभाकर जैसे रथ पर हो, मानो जैसे तीरथपर हो ।।
संपूर्ण जगत कुटुंबकम हो, छड़ एक नहीं अधम कम हो। 
ज्ञानो की लहरी गंगा हो, हाथो में लिए तिरंगा हो।।
मात-पिता का पालक हो, भारत  मां का वो बालक हो। 
दीन दुखी का मित्र बने और ,जीवन रथ का चालक हो।।
मेरे भारत का हर युवक, मन के पटलो पर ऐसा हो।।।

मुख्य मंडल तेजस्वी हो, 
बाणी जिसकी ओजस्वी हो, 
ह्रदय में जिसके करुणा हो ,
इच्छाशक्ति की धारणा हो, 
मन में जिसके उत्साह हो ,
अन्याय जगत में जुगुप्सा हो, 
 काया में जिसके शक्ति हो ,
व्यशनो से जिसकी मुक्ति हो, 
सिंहों के जैसा साहस हो ,
दिव्य शक्ति का आभास हो 
 गुरुओं का सम्मान करें , 
‌भारत माता का वो मान रखें।।

©Durvesh Singh #bharat ka yuvak #swamivivekananda #YubaLekhak #Veerraskavita 

jivan

#Jeevan_ka_gyaan