उलझन हो, दुविधा हो, अगर मुंह फेरोगे इनसे, उलझन भय को ही, आमंत्रित करती है, उलझन को चुनौती देना, चुनौती से उलझन डरती है, *अहम* अपना वहम बनाए रखना चाहता है, इसीलिए अहम की चलती है और हम *अहम* को नहीं छोड़ते बस उलझन ऐसे ही घर करती है उलझन हो, दुविधा हो, अगर मुंह फेरोगे इनसे, उलझन भय को ही, आमंत्रित करती है, उलझन को चुनौती देना, चुनौती से उलझन डरती है, *अहम* अपना वहम बनाए रखना चाहता है,