White पल्लव की डायरी ऊँची उड़ानों का दम्भ भर बैठे घुटन उतनी भारी है समसामयिक जीवन पीछे छूटा दिलो पर बोझ पड़ता भारी है घुमक्कड़ पन और सुख सुविधा को विकास मान बैठे अंतर्विरोध जीवन का भारी है भले कनेक्टीविटी जुड़ी हो दुनियाँ भर से जरूरत के कितने संग साथी है उधेड़ दिया जीवन आम आदमी का कद बौना लिये घूमता है विषमता और गैर बराबरी जोरो पर है अस्तिव की लड़ाई लिये, मारा मार मानव फिरता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #engineers_day उधेड़ दिया जीवन आम आदमी का #nojotohindi