श्री जम्भेशवर भगवान ने विश्नोई पंथ की स्थापना करके समाज को जो सुंदर रूप दिया,आज वो भयंकर रूप ले रहा है। जिस रूप में समाज की पहचान होनी चाहिए,आज उस रूप में पहचान नहीं हो रही है। जिस समाज में नशा पाप है,नशा उस समाज का पर्याय बन रहा है। नशा एक व्यक्ति को व्यक्ति को बर्बाद करतें हैं। कुख्यात तस्कर समाज को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोङना चाहतें हैं और...... जिस सत्य के लिए हम विख्यात थे आज चोर शब्द से संबोधित होते हैं। द्वेष,ईर्ष्या,कलह,झूठ और कपट से भरे हुए निर्दयी मनुष्य किस अर्थ में विश्नोई कहलाने लायक है। हम दिखने में श्वेत वस्त्रों से सुशोभित है परन्तु भीतर से बहुत काले हैं। मृत्युभोज,बाल विवाह,तस्करी,गुंडागर्दी जैसी अनेक बाधाएं हैं जिन्होंने समाज को जकङकर विकास की गति को अवरुद्ध कर दिया हैं। ये सभी वास्तविकताएँ है जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ©चंद्रभान बिश्नोई #youngboy #bishnoisamaj