एक छोटा सा गाँव पीपल की छाँव उड़ते पखेरू गोधूलि की बेला साँझ हो या सबेरा हर पल हो खुशियों का पहरा खुला आसमान हरित वसुंधरा खेतों की पगडंडियाँ पक्षियों का कलरव कल कल बहती नदी मंद मंद समीर कहीं कोई नफ़रत नही सबके लिये सबके दिलों में बस प्यार हो मिलजुल कर सब सबके त्योहार मनावें कहीं कोई भेद भाव न हो बस तेरा मेरा ऐसा ही संसार हो जिसमें बस प्यार हो बस प्यार हो #सपना #nojoto #writersofnojoto #feelings #quote #life #poetry #hindipoetry #thoughts