तुझसे इश्क़ का यह अंजाम मिला, कतरा कतरा हर दर्द मुझे मेरे यार मिला। तुझे चाह था मैंने रब से भी ज़्यादा, तूने तोड़ा दिल और कसूर था मेरा सारा। खेलना था तो खेलती खिलौने हज़ार है, मेरा दिल ही मिला तुझे, जिसे अब भी सिर्फ़ तुझी से प्यार है। तू आशिक़ी मेरी, तेरी आशिक़ी कोई और है, तू आदत है मेरी, तेरी ज़रूरत कोई और है। जानेजा जब जाना ही था, तो आई क्यों? झूठे प्यार की कसमें तूने खाई क्यों? क्या करूं मैं अब बता दे तू ही मुझे, इस दर्द का मरहम कहीं से दिला दे मुझे। दुआ है मेरी तुझे सारे जहां की खुशियां मिलें, घर तेरा कभी, मेरे दिल सा ना जले।। ❤️❤️❤️ तुझसे इश्क़ का यह अंजाम मिला, कतरा कतरा हर दर्द मुझे मेरे यार मिला। तुझे चाह था मैंने रब से भी ज़्यादा, तूने तोड़ा दिल और कसूर था मेरा सारा। खेलना था तो खेलती खिलौने हज़ार है, मेरा दिल ही मिला तुझे,