अलग होकर मैंने उससे जो तड़प पाई है कोई अंदाजा लगाइए तो सही प्यार मे किस तरह टूटे है हम कोई टुकड़े गिन कर आइए तो सही उसके बगैर हर लम्हा निकला है मेरा वर्षो के समान कोई हमसा जीकर दिखाईए तो सही.. अमित माहला ©Dil_k_jajbat05(Amit Mahla) #Dussehra