आंसू हूं खारा हूं ठहरता कहां हूं छलकना बह जाना और फिर सूख जाना यही तो है मेरा अंजाम। ©कवि मनोज कुमार मंजू #आँशू #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #girl