"बाल कविता" ओ पंछी-ओ पंछी तुम जल्दी उड़ न जाना, बड़े दिनों के बाद हो आये कहाँ गये थे बिन बतलाये, कुछ पल मेरे पास बिताना तुम न मुझको और सताना, डाल- डाल पर कूदो तुम पात-पात से खेलो तुम, पँखों को तुम खूब पसारों मुझको भी अब रोज निहारो, छोटे-छोटे तिनके चुन लाना अपना घर तुम यहीं बनाना, मन मेरा तुम पावन करना तन मेरा तुम सावन करना, मुझको भी राहें दिखलाना अब दूर कहीं न मुझसे जाना। "बाल कविता" #Nojoto_Hindi #Nojoto #पंछी #बाल_कविता #बड़े_दिनों_के_बाद