आओ स्नेहदीप जलाएं 🪔🪔🪔🪔🪔 आंखों में रोशनी भर, होंठों पे गीत सजा कर, मन में आत्मदीप जला🪔 जीवन जीने को निकला, श्वास श्वास में मुस्कान लिए, मुठ्ठी भर भर आस दिए नहीं दे पाया सबको मुस्कान, जो मिला जी भर दिया,