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हाये रे सावन आये गयो सजनवा घर पे नहीं हैं घिर घिर

हाये रे सावन आये गयो सजनवा घर पे नहीं हैं
घिर घिर आये कारे बदरा, चली बयार सुहानी
रिमझिम रिमझिम बरसन लागी भीगी चुनर धानी
तन मन आग लगाय गयो सजनवा घर पे नहीं हैं
                हाये रे सावन आये गयो .................
भेजो सखी संदेशो प्रिय को मन में नाचे मोर
करवट बदलत रात बीत गई है गई मोकूँ भोर
जिया में हूंक उठाये गयो सजनवा घर पे नहीं हैं
                 रे बैरी सावन आये गयो................
आसमान में बिजुरी चमके दिखे न चित को चोर
मोरी हालात ऐसी जैसे चातक बिना चकोर
वैद्य को देओ कोऊ बुलाये के उलझन सुलझत नहीं है
.....................सावन आये गयो ................2 ।।
                            ■मृदुल बाजपेयी (10/07/2017) #पहली बारिश..
हाये रे सावन आये गयो सजनवा घर पे नहीं हैं
घिर घिर आये कारे बदरा, चली बयार सुहानी
रिमझिम रिमझिम बरसन लागी भीगी चुनर धानी
तन मन आग लगाय गयो सजनवा घर पे नहीं हैं
                हाये रे सावन आये गयो .................
भेजो सखी संदेशो प्रिय को मन में नाचे मोर
करवट बदलत रात बीत गई है गई मोकूँ भोर
जिया में हूंक उठाये गयो सजनवा घर पे नहीं हैं
                 रे बैरी सावन आये गयो................
आसमान में बिजुरी चमके दिखे न चित को चोर
मोरी हालात ऐसी जैसे चातक बिना चकोर
वैद्य को देओ कोऊ बुलाये के उलझन सुलझत नहीं है
.....................सावन आये गयो ................2 ।।
                            ■मृदुल बाजपेयी (10/07/2017) #पहली बारिश..