चाँद सी परी मेरी तुझे अपनी जान कहुं या मेहरबान कहुं तूने ही सिखाया है जीने का तरीका मुझे तुझे मैं जरूरत कहुं या आदत कहुं तूने ही खुद में बसाया है मुझे तेरे बिन ना जाने कितने सावन बिताए मेने अब जीवन की ऋतु बन के आ गयी हो तुम तुझे मैं अपनी जान कहु या मेहरबान कहु फुलो का आँचल बन के मेरे हर पल में छा गयी हो तुम। #yqbaba #yqdidi #yqdada #प्रेम_कहानी #प्रेम_गीत