होली के रंगों की तरह अपने मुल्क को सदा प्रेम रूपी रंगों में मैं देखना चाहता हूँ। इन रंग-बिरंगी रंगोलियों की तरह अपने मुल्क को देशप्रेमी रंगों में मैं देखना चाहता हूँ। गुलाल की तरह हर चेहरे पर खुशियों की ख़िलखिलाती लालनुमा रंग मैं देखना चाहता हूँ। इन्हीं हाथों की तरह हर रोज एक दूसरे को पवित्र रंगों से रंगते हुए मैं देखना चाहता हूँ। हर शिक़वे-गिले भूलाकर यूँ ही हर रोज सबको गले लगाते मैं देखना चाहता हूँ। है मेरी आकांक्षा की रंगों की घटा छाई रहे सदा गंगा यमुना सरस्वति वाला संगम मैं देखना चाहता हूँ। अबकी बार जो मिले ना पूछे मजहब हर मानव में सिर्फ मानवता मैं देखना चाहता हूँ। मुल्क के किसी कोने से कोई लहु ना छलके गाँधी वाला, अम्बेडकर वाला रंगनुमा हिन्दुस्तान मैं देखना चाहता हूँ। Raja Alam #Color