देखते हैं रुकावटें कितनी आयेगी मंजिल की चाह में कितना भटकायेगी लेकिन मुझे हराना इनके बस की बात नहीं वादा खुद से किया है तो तोडना नहीं चाहे जिंदगी हर मोड पे अटक जायेगी देखते हैं रुकावटें कितनी आयेगी शुरू किया है चलना तो मंजिल आ ही जायेगी लेकिन रास्ते से मोह करना मेरा काम नहीं दूसरों को खुद से ज्यादा आंकना सीखा ही नहीं विश्वास रब पे पूरा तो तकदीर बदल ही जायेगी स्वयं की तलाश में मुझे कितना सतायेगी देखते हैं रूकावटें कितनी आयेगी #रुकावटें