• स्वरचित • अम्मा अब हौव्वा नहि आवे कोयल अब गाना नहि गावे कौआ सन्देश नही सुनावे दादी किस्सा नही सुनावे मेरे मन को यह सब भावे •••••••। खपरैला का सुन्दर छांव जहाँ बसा करता गाँव मोछिन पर रहता ताव राजनीति से आवा घाव दादा विरहा नही सुनावे मेरे मन को यह सब भावे •••••••। बगिया में झुला था पड़ता झुर्रा माली रोज झगड़ता जोर जोर से खूब गरजती लंबी मूछ मुह वह बावे मेरे मन को यह सब भावे •••••••। श्रवण #NojotoQuote हव्वा श्रवण