मेरी जिंदगी का हसीन रंग हो तुम क्या हुआ आज इस रंग के त्योहार पर ना लगाया एक भी कतरा रंग का तुम्हारी मुस्कराहट मुझे हर दिन अनेक रंगों मे रंग देती है ll रंग देती है तुम्हारी चेहरों की चमक तुम्हारा गुस्सा भी तो सुर्ख लाल होता है तुम्हारा शांत होना मुझे सफेद कर देता है होंठ तुम्हारे वैसे ही गुलाबी है क्या हुआ आज इस रंग के त्योहार पर ना लगाया एक भी कतरा रंग का तुम्हारी हँसी का तो क्या कहना हरे रंग का वो सूट जो तुम सुनहरी झूमका पहनने के लिए पहनती हो क्या ये इश्क का रंग नहीं है? गाल वैसे ही छु लूँ तो गुलाल की तरह हो जाए तो कैसे कह दूँ कि हमने होली नहीं खेली हमारी तो रोज ही होली है ll Tag someone ❤️ . . Please follow 😍 Please like 👍 Please share💙 . .