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इश्क़ कम हो कर भी बहुत है, ये इश्क़ भी एक मीठा ज़हर

इश्क़

कम हो कर भी बहुत है, 
ये इश्क़ भी एक मीठा ज़हर है ।।
न होने पर दर्द से खामोश है, 
होकर भी दर्द में खामोश है ।।

क्या बला है ? क्या दवा है ?
या फिर बस चन्द लम्हों का सहर है ?
एक दुआ है या रज़ा है ?
या फिर एक सज़ा है ?

ज़हर नहीं तो और क्या है ?
सब तरफ है फिर भी ज़रा है ।।
कहने को बहुत आशिक हैं लुटे,
पर फिर भी इसी की खता है ।।

ये इश्क ही है ऐ दोस्त !
जो कल भी फ़ना था,
आज भी फ़ना है ।। A special message on Valentine's day. What IS Love ? 

FULL POETRY BELOW :

इश्क़

कम हो कर भी बहुत है, 
ये इश्क़ भी एक मीठा ज़हर है ।।
इश्क़

कम हो कर भी बहुत है, 
ये इश्क़ भी एक मीठा ज़हर है ।।
न होने पर दर्द से खामोश है, 
होकर भी दर्द में खामोश है ।।

क्या बला है ? क्या दवा है ?
या फिर बस चन्द लम्हों का सहर है ?
एक दुआ है या रज़ा है ?
या फिर एक सज़ा है ?

ज़हर नहीं तो और क्या है ?
सब तरफ है फिर भी ज़रा है ।।
कहने को बहुत आशिक हैं लुटे,
पर फिर भी इसी की खता है ।।

ये इश्क ही है ऐ दोस्त !
जो कल भी फ़ना था,
आज भी फ़ना है ।। A special message on Valentine's day. What IS Love ? 

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इश्क़

कम हो कर भी बहुत है, 
ये इश्क़ भी एक मीठा ज़हर है ।।
calmkazi6439

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