रूबरू खयालों में ही छाया है तेरा नशा, कैसी होगई है अब मेरी दशा, ना दिन दिखता है ना रात, सपनों में भी करता हूं तेरी ही बात। बस तुझमें ही सोता हूं, तुझसे ही जागता हूं, अब क्या मांगूं रब से तुझसे भड़कर सौगात। अब क्या मांगूं रब से तुझसे भड़कर सौगात। निगाहों में तो है ही तू चाहत मै भी तू, ये दुनिया रहे ना रहे मैं तुझमें रहूं और मुझमें तू, कायनात मै राज़ी कोई हो ना हो मैं तुझसे राज़ी हूं और मुझसे तू, अब बस रब से दुआ यही है, तू रहे मेरे रूबरू, तू रहे मेरे रूबरू। ~Tushar Agarwal #tushar_agarwal #rubaru #pyar #love #poetry #hindi #hindipoetry #kavita #hindikavita #hindiwriting