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इस दुनिया मे अज्ञात जितनी चीज़ें रहीं हैं ! वो हमेश

इस दुनिया मे अज्ञात जितनी चीज़ें रहीं हैं ! वो हमेशा ज्ञात से बेहद दूर रहीं हैं ! सच हमेशा झूठ से बेहद ही दूर रहा है ! प्रेम हमेशा ही घृणा से बेहद दूर रहा है ! ये दोनों अलग अलग किनारों पर रहें हैं लेकिन इसमें कोई तर्क नही है कि ज्ञात का अज्ञात से,सच का झूठ से और प्रेम का घृणा से कोई संबंध नही रहा है ! दोनों एक ही नदी के दो किनारे रहें हैं !
 #NojotoQuote
इस दुनिया मे अज्ञात जितनी चीज़ें रहीं हैं ! वो हमेशा ज्ञात से बेहद दूर रहीं हैं ! सच हमेशा झूठ से बेहद ही दूर रहा है ! प्रेम हमेशा ही घृणा से बेहद दूर रहा है ! ये दोनों अलग अलग किनारों पर रहें हैं लेकिन इसमें कोई तर्क नही है कि ज्ञात का अज्ञात से,सच का झूठ से और प्रेम का घृणा से कोई संबंध नही रहा है ! दोनों एक ही नदी के दो किनारे रहें हैं !
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