वो शमा कहाँ है अब, जो किसी परवाने के लिए बुझ जाए, उलझनें कितने ही हो दिल में, बस नज़रों से ही सुलझ जाए, ना ही वैसे हीर - रांझे हैं, ना हैं अब वो लैला - मजनू, होंठ सिले हों दोनो के, इशारे मुस्कुराहटों में ही समझ जाए, बे लिबास हुस्न है, शर्म, हया सब बटुए के कोनों में क़ैद है, वो घड़ियाँ कहाँ मिलती है आजकल, जिसमें किसी का दुपट्टा उलझ जाए, अब तो कुछ यूं ही प्यार का इक़रार होता है, के कोई इज़हार समझे, उससे पहले ही इनकार समझ जाए, दो दिल मीले, न मिले, ये सब तो बाद कि बातें हैं, दो जिस्म मिलें पहले, कि दोनों की प्यास बुझ जाए।।। #6quote #lovenowadays #akash #thakur #akashthakur #nojoto #lovelice