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बेटी तेरी साँस ही मुझसे है फिर भी बेटी नही चा

बेटी  

तेरी साँस ही मुझसे है 
फिर भी  बेटी नही चाहींऐ तुझे
तेरी हर खुशी मुझसे है 
फिर भी बेटी नही चाहीऐ तुझे।। 

तेरी माँ बँहन तेरी हमसफर मै हु
फिर भी बेटी नही चाहीऐ तुझे
तेरा हर रंग रूप मुझसे है फिर भी कँहता है 
ईन्सान बेटी नही चाहींऐ मुझे।। 

नितस्मित पेंशनवार

©nitsmit penshanwar
  बालिका दिन #

बालिका दिन # #मराठीकविता

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