चांद की चांदनी की तरह, बादल की बरसात की तरह, होली के रंगों की तरह, दिवाली के रोशनी की तरह, मैं तो बस उस अध्याय में कुछ रोमांच भरे अल्फाज़ भरना चाहता हूं। बीते हुए कुछ किस्से पढ़ना, कुछ तेरी जुबानी सुनना चाहता हूं।। किसी उपन्यास के आखरी अध्याय की तरह, मैं तुझे पढ़ना चाहता हूं। उन कुछ पन्नों से थोड़े वक्त में ही मैं तुझे पूरा समझना चाहता हूं।। #yqdidi #yqbaba #life #afteralongtime #friends #hindipoetry #उपन्यास #दोस्ती