किस्सा है कामियाबी का, गिरना जरूरी है। हासिल करनी है मंज़िल, तो भटकना जरूरी है। रास्ते है काटों भरे, संभल कर चलना जरूरी है। तूफ़ां रुक मोडले तुम्हारी और, तो हौसले बुलंद करना जरूरी है। ये बदनामियों का डर कैसा, जंग तो अभी बाकी है। केहनेदो जिसे जो केहना है, हर जुबाँ पर होगा एक दिन, किस्सा तुम्हारे कामियाबी का। #कामियाबी #किस्सा #रास्ते #काटें #जंग #बदनामी #डर #nojotohindi #nojoto #kavishala #shayar #hindipoetry #poetry कृष्णा यादव "काजू"