शाख से टूटे पत्ते कभी हरे नहीं होते ।।।।।।।।।। जिस संस्कृति की हम पैदाइश हैं ................. क्या ही बहस करें हम कौन हैं ।।।। हां एक दिन फिर सनातन की जड़ों में खुद को खोजेंगे ।।।।।।।।।।।। हां हम ढूंढेंगे इंसानियत को गीता और कैलाश में हरि ॐ २६.०१.२४ ©Ram Yadav #अध्यात्म #भारत #हिंदूसंस्कृति #सनातन