रूस यूक्रेन युद्ध के बीच अभी अमेरिका के समक्ष आर्थिक वृद्धि और महंगाई नियंत्रण के बीच संतुलन बनाने की चुनौती है अमेरिका में सामान्य महंगाई दर 2% रही है लेकिन फरवरी में यह बढ़कर 7 पॉइंट 9% हो गई है जो पिछले 40 वर्ष में सबसे अधिक है अमेरिका में महंगाई का कारण जनता द्वारा खर्च में वृद्धि की मांग डिमांड में अप्रत्याशित वृद्धि है इससे स्पष्ट है कि अमेरिका अर्थव्यवस्था महामारी के दौर से निकल चुकी है यही कारण है कि यूएस फंड में मौजूद अमेरिकी अर्थव्यवस्था को देखते हुए धीमी आर्थिक वृद्धि के जोखिम को स्वीकार किया और महंगाई नियंत्रण को मुख्य लक्ष्य बनाया अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने अमेरिका के वर्ष 2022 के अनुमान को 4% से घटाकर 2.8 प्रतिशत कर दिया गया इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तरफ से नीतिगत ब्याज दरों में वृद्धि कोविड-19 लगभग सुनने के स्तर पर बनी हुई थी ताकि अर्थव्यवस्था की गति दी जा सके इसके पहले युवक ने दिसंबर 2018 में नीतिगत दरों में वृद्धि की थी परंतु जुलाई 2019 में से वापस कर लिया था भारतीय व्यवस्था करो ना काल से पूर्व ही चुनौतियों का सामना कर रहा है वर्ष 2017 में आर्थिक विकास दर 3% तक पहुंच इस तरह पहले से ही संवेदनशील हालत में पहुंची अर्थव्यवस्था को कोविड-19 का सामना करना पड़ा इस स्थिति में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को कम रखा जिससे सस्ते लोन की उपलब्धि बनी रहे अब भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है और लोगों को वास्तव में सस्ते ऋण की जरूरत है ©Ek villain #अमेरिका ब्याज दरों में वृद्धि का भारत पर प्रभाव #waiting