याद ही नही आ रहा है, अपने लिये भी समय निकालो, ऐसी कभी किसींने कोई बात कही. बचपन कब खतम हुआ, कब जवानी बुढापे की ओर ले गयी, समज ही न पाये कब उमर हो गयी. बचपन पुरा पढाई मे ध्यान देने मे गया, जवान हुआ तो नौकरी,और माता पिता का खयाल रखने मे समय गया. शादी करवा दि घरवलो ने तो घरसंसार संभालणे मे समय व्यतीत हुआ, हुये जब बच्चे तो उनकी परवरिश मे समय निकलता गया. आज जब बुढापे का अहसास हो रहा है तब समज आया अपने लिये कभी समय ही नही निकाल पाया. सुप्रभात। कैसे भी करके, थोड़ा समय अपने लिए भी निकाल रखिए। #अपनेलिए #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #अपनेलिए #yqdidi #collab #उमर याद ही नही आ रहा है, अपने लिये भी समय निकालो, ऐसी कभी किसींने कोई बात कही. बचपन कब खतम हुआ,कब जवानी बुढापे की ओर ले गयी,