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मुझे एक भी मिसरा खुद से नहीं मिलता कभी तेरी आंखों

मुझे एक भी मिसरा खुद से नहीं मिलता
कभी तेरी आंखों से मिलता है तो कभी तेरी बातों से मिलता है,

मेरी लिक्खी और भी बातें नहीं सच्ची
तो मान लेते हैं ये सब खयालातों से मिलता है,

मैं समझ जाता हूं तिरा हर हाल परेशानी
ये रिश्ता खून से तो नही पर जज्बातों से मिलता है ,

ये Facebook whatsapp पर बेजे msgs पर मुझे नही भरोसा
मुझे पसंद है जब खत किताबों में मिलता है,

बागो में चांदनी रात को जैसे परिजाद् खिलते हो 
तुम सा कोई शक्स ख्वाबों में मुझसे वैसे ही मिलता है,

इश्क़ में मरने वाले लोग अब इस दुनियां में कहां मिलते हैं
अब तो ये किस्से बस किताबों में मिलते हैं ,

मन्दिर–मस्जिद, दुआ–मिन्नतें वो सब तो ठीक है 
ता–उम्र भर का साथ पर हासिल–ए–किस्मत में मिलता है !!

©Nikhil Ranjan कहा मिलती है ! #मिसरा #दिलकिबात #किस्से #इश्क #parijat #ख्वाब #Original
मुझे एक भी मिसरा खुद से नहीं मिलता
कभी तेरी आंखों से मिलता है तो कभी तेरी बातों से मिलता है,

मेरी लिक्खी और भी बातें नहीं सच्ची
तो मान लेते हैं ये सब खयालातों से मिलता है,

मैं समझ जाता हूं तिरा हर हाल परेशानी
ये रिश्ता खून से तो नही पर जज्बातों से मिलता है ,

ये Facebook whatsapp पर बेजे msgs पर मुझे नही भरोसा
मुझे पसंद है जब खत किताबों में मिलता है,

बागो में चांदनी रात को जैसे परिजाद् खिलते हो 
तुम सा कोई शक्स ख्वाबों में मुझसे वैसे ही मिलता है,

इश्क़ में मरने वाले लोग अब इस दुनियां में कहां मिलते हैं
अब तो ये किस्से बस किताबों में मिलते हैं ,

मन्दिर–मस्जिद, दुआ–मिन्नतें वो सब तो ठीक है 
ता–उम्र भर का साथ पर हासिल–ए–किस्मत में मिलता है !!

©Nikhil Ranjan कहा मिलती है ! #मिसरा #दिलकिबात #किस्से #इश्क #parijat #ख्वाब #Original