अबकी होली में मैं तोहे ऐसा रंग लगा जाऊं, तूं मेरी राधिका हो जाए मैं तेरा कन्हैया बन जाऊं। सब भांग के रस में डूबे हों मैं प्रेम ताल में तर जाऊं, तूं मेरी राधिका हो जाए मैं तेरा कन्हैया बन जाऊं। सब प्रेम मगन हो नाच उठें कोई राग मैं ऐसा दे जाऊं, तूं बंसी की धुन हो जाए मैं मन को निधि वन कर जाऊं। तूं मेरी राधिका हो जाए मैं तेरा कन्हैया बन जाऊं। ये रंग बिरंगी होली मैं तेरे संग मना पाऊं, तूं घर से बाहर आ जाए मैं भेष बदल कर आ जाऊं। तूं मेरी राधिका हो जाए मैं तेरा कन्हैया बन जाऊं। हो ऐसी रंगो की बारिश ये कलुषित मन सब धुल जाए, तूं प्रेम माधुरी हो जाए मैं दोहा रहीम का बन जाऊं, तूं मेरी राधिका हो जाए मैं तेरा कन्हैया बन जाऊं। #अबकी होली 😀😀😊😊 दोस्तो आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं, ये कविता आपको कैसी लगी जरूर बताएं।