लंबे अरसे बाद हुई मुलाकात थी, आँखो ही आँखो मे हुई सब बात थी मिलना तो हमारा तय न था पर खुदा की साजिश बेमौसम बरसात थी कोई गिला न शिकवा न शिकायत थी बस वो थी मैं था बारिश थी और गवाह ये मौसम और बरसात थी दिल सूखे थे और आँखे नम थी बहुत कुछ मेरी उन नम आँखो मे था जिसे पढ़ कर भी दिल मे उतार न सकी थी फिर भी उसने आँखो बंद कर मुझे बाँहो मे भर लिया था उसने एक बार फिर मुझे दिल के करीब आने दिया था शायद उसके लिए ये सिर्फ एक मुलाकात था पर ये शाम-ए-मुलाकात मोहब्बत और बारिश के नाम थी ©Rohan Mishra ये शाम-ए-मुलाकात मोहब्बत और बारिश के नाम थी #rohanmishra861 #alfaaz_rohu_ke #YouNme