कुदरत ने जीवन दिया सबको आजादी से जीने के लिए, इंसान ने गुलाम कर लिया सबको अपनी जरूरतों को मिटाने के लिए, कुदरत ने करबट ली गुलामो को आजादी दिलाने के लिए, आजाद इंसान को घरों में कैद कर दिया अपनी बात मनवाने के लिए।। कुदरत बनाम इंसान