तेरे कंगन आज भी तेरी कंगन का वो खन-खन बड़ा याद आता है, उस मधुर सी आवाज में खो जाना बड़ा याद आता है। तू दबे पांव आने की कोशिश तो करती पर तेरे आने का पता तेरे कंगन की खनखनाहटा से चल जाता था, तेरी गोरी कलाइयों पे वो लाल कंगन मुझे हमेशा लुभाता था। #TereKangan तेरे कंगन