तुम चैन मेरा , सुकून मेरा,। मेरे सुख-दुख मे तू साथ रहे ।। बस यही आरज़ू है रब से । तू जहाँ रहें, खुशहाल रहे ।। मेरी पागल सी दोस्त पर बस" खुशियों की बरसात रहे । गम का साया उसे न छू पाये" दामन खुशियों से भरा रहे । या मालिक मेरे परवर दिगार" इतना ही करम कर दे मुझ पर" हर जनम मुझे मेरा यार मिलें" बस इतना अता कर दे मौला ।। फ़जीहत-ए-इश्क़