असको के पीछे के गमों को, हसकर बया कर देती हूँ..... खुश हूँ , इसका मतलब मत निकालो कोई तकलीफ ही नहीं , न जाने कबसे ये आँखें सोयी ही नहीं.... पर ज़िन्दगी मुस्कुराहट के साथ जीती हूँ.. तकलीफों को चिड़ाके, में फिर रोते रोते हसती हूँ.... ना हारूंगी ए ज़िन्दगी, हर रोज इसी वादे के साथ, खुद को एक नई उमंग से भर लेती हूँ... ©_Poetry maker Preeti Agrawal (Preu) #quatation #Motivational