जबीं पे बिंदी, जादू नज़र. में, निगाहें किधर हैं हैरत है तुम्हें देखकर, तुम्हें इसकी कहाँ खबर है। लबों पर सुकून जब तेरे नाम से महके मुस्कान दिल को सताती, साड़ी के पल्लू से दिखती कमर है। जबीं पे बिंदी, जादू नज़र में, निगाहें किधर हैं हैरत है तुम्हें देखकर, तुम्हें इसकी कहाँ खबर है। लबों पर सुकून जब तेरे नाम से महके मुस्कान दिल को सताती, साड़ी के पल्लू से दिखती कमर है। हज़ारों बाते हैं करनी, लिख रहा तेरे नाम मैं शायरी सुनने से ज्यादा, पढ़ी हुई बाते करती असर है।