दोस्ती वो नहीं जो बिछड़े और भूल जाए दोस्ती तो वो है जो बरसो ना मिले फिर भी मुस्कुराए टूटे और जुड़ जाए बिना गांठ और बिना सिलाई के फर्श से अर्श तक जो नाज़ कराए वहीं है सच्ची दोस्ती ©Anita Mishra #Dosti दोस्ती शायरी Praveen Jain "पल्लव"