पैसे के पीछे जब से कर ली शहर को अपनी नाव मुझसे छुट गया मेरा गांव छूटी मेरी मैया भोली, छूटे दुखी पिताजी पेट की खातिर शहर आ गये सारी यादें भूला दी कहा मिले इस शहर में मुझको अब ममता का छांव मुझसे छुट गया मेरा गांव बचपन गुजरा बिन पैसों के मिट्टी के खिलौने खेले हैं नहीं सुहाती बड़ी इमारतें,अच्छे लगते बस मेले हैं मिट्टी में मैं या मिट्टी मुझमे, इतनी अधिक समाई है वर्षों हो गए गांवको देखें,पर खुशबू अभी न भुलाई है कोई बुला ले किसी बहाने दौडा जाऊं नंगे पांव मुझसे छुट गया मेरा गांव कितनी शरारते करते थे और मां के पास छुप जाते थे मा लड़ जाती थी सबसे ही जब जब उलाहने खाते थे बिन पैसे के भी ले आते थे चीज़ कोई भी दुकान से अपना सिक्का हर जगह था चलता बस पापा के नाम से पर शहर में क्या पहचाने कोई बस खेल जाने सब पैसे का ही यहाँ तो लग जाता है भैया पानी का भी भाव मुझसे छुट गया मेरा गांव #gaanv #gaanv_ki_galiyan #stories #village #meraganv #sahar #yqdidi #restzone मुझसे छुट गया मेरा गांव