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आप अपने आपको स्वतंत्र कर सकते है । तुम तो उस वचन क

आप अपने आपको स्वतंत्र कर सकते है । तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है , शुद्ध हो ( यूहन्ना १५ : ३ ) । बुरी आदतो और शैतानी प्रभावो के बीच में एक मजबूत संबंध है और सही कहूँ तो वे एक दूसरे के साथ चलते है । मानविय व्यक्ति एक आत्मा है , और इसलिए अगर उसके पास कोई आदत है , तो वह एक आत्मिक आदत है । आदते कार्यो को दोहराने के द्वारा बनती है । अच्छी आदते और बुरी आदते होती है । अगर आप अच्छे कार्यो का अभ्यास करते है , तो वे अच्छी आदतो में बदल जाते हैं , और अगर आप बुरे कार्यो का अभ्यास करते है वे बुरी आदतो में बदल जाते है । शैतान अधिकतर लोगो को घुमाने के लिए बुरी आदतो का सहारा लेता है । किंतु , वह सामान्यता अपनी इच्छा को किसी के ऊपर थोप नहीं सकता ; वरन , यह मनुष्य ही है जो अपने आपको शैतान के लिए देता है या देने से मना करता है । अगर वह अपने आपको शैतान को समर्पित करता है , तो शैतान उसका फायदा लेता है । बहुत से लोग अपने आपको शैतान को दे देते है बिना जानते हुए कि वे ऐसा कर रहे है । इसलिए , आत्मा में चलना और वचन का ज्ञान एक विजयी मसीह जीवन के लिए महत्वपूर्ण है । हमारे आरंभिक वचन में यीशु ने कहा , " तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है , शुद्ध हो " । इसका अर्थ है कि परमेश्वर का वचन शुद्ध करता है ; यह आपको पवित्र करता है । अगर आप परमेश्वर का वचन लें और इस पर मनन करें , तो यह आपको हर ऐसी वस्तु से छुड़ा देगा जो कि अशुद्ध या बेकार है । यह आपके जीवन से अंधकार को मिटा देगा । एक बार मैं एक महिला के लिए प्रार्थना कर रहा था और उसके अंदर से शैतान को निकाल रहा था , और एक जवान आदमी मेरे पीछे खडा था , उन बहुत से लोगो में से एक जो देख रहे थे । जब मेरा काम हो गया तो वह मेरे पास आया और कहा , “ पास्टर , मुझे भी ठीक यही परेशानि थी जो आपने अभी इस महिला के लिए सुलझाई है । मेरे अंदर भी वही बुरी आत्माएँ थी । " मैं ने कहा , " तो क्या हुआ ? " उसने कहा , “ परमेश्वर के वचन के मनन के द्वारा वे सब मुझ से दूर चली गई । " यह परमेश्वर के वचनो की सामर्थ है ! आपको मसीहो से शैतानो को बाहर निकालने के लिए छुटकारे की सभाएं करने _ _ _ की आवश्यकता नहीं है । उन्हें वचन सीखाईये । मसीही शैतान से बढ़कर है ; वह मसीह के साथ बैठा है , प्रधानताओं और ताकतो के बहुत ऊपर । इसलिए , अगर आप किसी शैतानी आक्रमण या प्रभाव के अंतर्गत थे , और अगर आप निरंतर परमेश्वर के वचन पर मनन करेंगे , तो आप अपने आपको स्वतंत्र कर लेंगे ।                                     आप कह सकते है ,.                                        “ प्रभु यीशु के नाम में , मैं मेरे जीवन और मेरे कार्यों के ऊपर से शैतान और दुष्टात्माओ के प्रभाव को तोडता हूँ और उनके द्वारा बहकाया जाना अस्वीकार करता हूँ । " 
आप मेरे साथ इसे कह सकते हैं । मैं सिद्धता और श्रेष्ठता में चलता हूँ , सत्यनिष्ठा के कामो और फलो को पैदा करते हुए , क्योंकि मैं वचन में जीता हूँ । परमेश्वर का वचन मेरे जीवन में बढ़ रहा है और मुझे पूरी तरह से शुद्ध करता है - आत्मा , प्राण , और शरीर में । मैं मेरे जीवन में पवित्र आत्मा के निर्देशन के लिए संवेदनशील हूँ , जो मुझे परमेश्वर की सिद्ध इच्छा और महिमा में चलाता है । आमीन ।

आप अपने आपको स्वतंत्र कर सकते है । तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है , शुद्ध हो ( यूहन्ना १५ : ३ ) । बुरी आदतो और शैतानी प्रभावो के बीच में एक मजबूत संबंध है और सही कहूँ तो वे एक दूसरे के साथ चलते है । मानविय व्यक्ति एक आत्मा है , और इसलिए अगर उसके पास कोई आदत है , तो वह एक आत्मिक आदत है । आदते कार्यो को दोहराने के द्वारा बनती है । अच्छी आदते और बुरी आदते होती है । अगर आप अच्छे कार्यो का अभ्यास करते है , तो वे अच्छी आदतो में बदल जाते हैं , और अगर आप बुरे कार्यो का अभ्यास करते है वे बुरी आदतो में बदल जाते है । शैतान अधिकतर लोगो को घुमाने के लिए बुरी आदतो का सहारा लेता है । किंतु , वह सामान्यता अपनी इच्छा को किसी के ऊपर थोप नहीं सकता ; वरन , यह मनुष्य ही है जो अपने आपको शैतान के लिए देता है या देने से मना करता है । अगर वह अपने आपको शैतान को समर्पित करता है , तो शैतान उसका फायदा लेता है । बहुत से लोग अपने आपको शैतान को दे देते है बिना जानते हुए कि वे ऐसा कर रहे है । इसलिए , आत्मा में चलना और वचन का ज्ञान एक विजयी मसीह जीवन के लिए महत्वपूर्ण है । हमारे आरंभिक वचन में यीशु ने कहा , " तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है , शुद्ध हो " । इसका अर्थ है कि परमेश्वर का वचन शुद्ध करता है ; यह आपको पवित्र करता है । अगर आप परमेश्वर का वचन लें और इस पर मनन करें , तो यह आपको हर ऐसी वस्तु से छुड़ा देगा जो कि अशुद्ध या बेकार है । यह आपके जीवन से अंधकार को मिटा देगा । एक बार मैं एक महिला के लिए प्रार्थना कर रहा था और उसके अंदर से शैतान को निकाल रहा था , और एक जवान आदमी मेरे पीछे खडा था , उन बहुत से लोगो में से एक जो देख रहे थे । जब मेरा काम हो गया तो वह मेरे पास आया और कहा , “ पास्टर , मुझे भी ठीक यही परेशानि थी जो आपने अभी इस महिला के लिए सुलझाई है । मेरे अंदर भी वही बुरी आत्माएँ थी । " मैं ने कहा , " तो क्या हुआ ? " उसने कहा , “ परमेश्वर के वचन के मनन के द्वारा वे सब मुझ से दूर चली गई । " यह परमेश्वर के वचनो की सामर्थ है ! आपको मसीहो से शैतानो को बाहर निकालने के लिए छुटकारे की सभाएं करने _ _ _ की आवश्यकता नहीं है । उन्हें वचन सीखाईये । मसीही शैतान से बढ़कर है ; वह मसीह के साथ बैठा है , प्रधानताओं और ताकतो के बहुत ऊपर । इसलिए , अगर आप किसी शैतानी आक्रमण या प्रभाव के अंतर्गत थे , और अगर आप निरंतर परमेश्वर के वचन पर मनन करेंगे , तो आप अपने आपको स्वतंत्र कर लेंगे । आप कह सकते है ,. “ प्रभु यीशु के नाम में , मैं मेरे जीवन और मेरे कार्यों के ऊपर से शैतान और दुष्टात्माओ के प्रभाव को तोडता हूँ और उनके द्वारा बहकाया जाना अस्वीकार करता हूँ । " आप मेरे साथ इसे कह सकते हैं । मैं सिद्धता और श्रेष्ठता में चलता हूँ , सत्यनिष्ठा के कामो और फलो को पैदा करते हुए , क्योंकि मैं वचन में जीता हूँ । परमेश्वर का वचन मेरे जीवन में बढ़ रहा है और मुझे पूरी तरह से शुद्ध करता है - आत्मा , प्राण , और शरीर में । मैं मेरे जीवन में पवित्र आत्मा के निर्देशन के लिए संवेदनशील हूँ , जो मुझे परमेश्वर की सिद्ध इच्छा और महिमा में चलाता है । आमीन ।

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