हमारे हाथ मे कोई लकीर है ही नहीं हमें खबर है कि बनना अमीर है ही नहीं ज़रा सी बात पे अपनी अना लुटा आया हमे मलाल है उसका ज़मीर है ही नहीं मुझे सुनोगे भला कैसे मैं यकीन करूँ सुना रहा है ग़ज़ल जो वो मीर है ही नहीं अब ऐसे हाल में होली कहाँ मना लेंगे लहू का रंग बचा है अबीर है ही नहीं मैं उसके वास्ते दोनों जहाँ से लड़ लेता मगर मैं राँझा हूँ कोई भी हीर है ही नहीं लगेंगी ठोकरे गिर कर के फिर उठेंगे हम न उठ सके तो ये ज़िंदा शरीर है ही नहीं करूँ खुशामदें, इज़्ज़त की भीख क्यूँ माँगूँ मैं बादशाह हूँ, मुझमे फ़क़ीर है ही नहीं हो तुम भी फूल हम भी गुल हैं इसी गुलशन के गुलों की भीड़ में कोई हक़ीर है ही नहीं #tournoida #nojoto #dkc #chaurasiya #rdv19