#आवाज़ देकर क़ोई हमकों भी बुलाये, हम भी चाहते हैं क़ोई "नज़दीक" आये। क़ोई नहीं है दोस्त अपना इस शहर में, क़ोई तो हमें भी अपना "दोस्त" बनाये। तन्हाई सताती है इस "भीड़-भाड़" में, क़ोई तो इस "सफ़र" में मेरा साथ निभाये। #जितेन्द्र777 #आवाज़ देकर क़ोई हमकों भी बुलाये, हम भी चाहते हैं क़ोई "नज़दीक" आये। क़ोई नहीं है दोस्त अपना इस शहर में, क़ोई तो हमें भी अपना "दोस्त" बनाये। तन्हाई सताती है इस "भीड़-भाड़" में, क़ोई तो इस "सफ़र" में मेरा साथ निभाये।