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खुद्दारी महफ़िल में बैठो तो कईं रंग मिलते हैं, दो

खुद्दारी

महफ़िल में बैठो तो कईं रंग मिलते हैं,
दो प्याले जाम के हों तो कईं ढंग मिलते हैं।
उस जाम का फायदा ही क्या जिसमें सरूर ही न हो।
और उस आदमी का क्या फायदा जिसमें गरुर ही न हो।

©Vishal Bangotra #anjaana_safar9 #Nojotohindi
खुद्दारी

महफ़िल में बैठो तो कईं रंग मिलते हैं,
दो प्याले जाम के हों तो कईं ढंग मिलते हैं।
उस जाम का फायदा ही क्या जिसमें सरूर ही न हो।
और उस आदमी का क्या फायदा जिसमें गरुर ही न हो।

©Vishal Bangotra #anjaana_safar9 #Nojotohindi