अर्ज़ है या मेरा मर्ज़ है कि ग़ालिब आज तेरे चाँद पर तारें मेरे सारे खर्च है रोक ले इस रात को सुबह पर मेरा कर्ज़ है ...... रूक जा रात ठहर जा रे चंदा.... OPEN FOR COLLAB✨ #ATlanternspecialbg • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful words.✨