प्राइवेट स्कूल को छोड़ कर हर प्रकार के उपक्रम खुल गए है। सभी के आय के साधन सुचारू हो गए शिक्षा कोई व्यापार नही किन्तु आय के बिना समाज का एक बड़ा समूह निसहाय सा हो गया है, संस्थानों ने वेतन को माना कर दिया और सेवाग्राही ये नारा लगा रहे के ''सेवा नही तो शुल्क नही''। सरकार हमेशा की तरहा चुप। #private