कल फिर मिलेंगे किसी हसीना से राहो में कभी वो हमको देखेगी कभी हम उनकी निगाहों में फिर वही सब बातें , मोहब्बत दिल मे डूबेगा भरी मंझदार में नाविक अपनी कश्ती को ढूंढेगा अब सब होगा पर मोह्हबत के घेरे नही होंगे आंसू होंगे चाहे जिसके भी पर मेरे नही होंगे तूफां ने हमे तुफां से खेलना सीखा दिया झुठे अस्को की लहरों को झेलना सीखा दिया इनसे भी कुछ सिख रहा हूँ , कल काम आएगा जीने में कभी जामो को पीने में , कभी जख्मो को सिने में TINKU# RETURNING