क्या मैं तिनको तिनको से घर बना पाऊंगी, क्या मैं बरसात के मौसम में बच पाऊंगी ||1|| चीर आसमान की हवा को उड़ना मैंने सीखा है, मजबूत नहीं मेरा आशियाना यह तो मेरे जैसा है||2|| हम घोंसले हैं की गहराइयों में छुप जाएंगे, जब दूर कहीं हमको इंसान दिख जाएंगे, पर फायदा कोई नहीं वह इंसान ए सर्कल हैवान है, मजे मजे में मेरे आशियाने को उजाड़ जाएंगे ||3|| हम समझ नहीं पाते हमने क्या पाप किया है, जो हमें हमारे घोंसले से निकाल पिंजरे में बंद किया है, पर क्या कर सकते हैं यह इंसान हैं ना इन्होंने अपने घर को सजाने के लिए हम पंछियों के घोसले को सुना कर दिया है||4|| मेरा आशियाना #poem #Shayari #Lineoftheday #Good #🙂