Nojoto: Largest Storytelling Platform

शाम के साँवले चेहरे को निखारा जाये क्यों न सागर से

शाम के साँवले चेहरे को निखारा जाये
क्यों न सागर से कोई चाँद उभारा जाये

रास आया नहीं तस्कीं का साहिल कोई
फिर मुझे प्यास के दरिया में उतारा जाये

मेहरबाँ तेरी नज़र, तेरी अदायें क़ातिल
तुझको किस नाम से ऐ दोस्त पुकारा जाये #Jayen
शाम के साँवले चेहरे को निखारा जाये
क्यों न सागर से कोई चाँद उभारा जाये

रास आया नहीं तस्कीं का साहिल कोई
फिर मुझे प्यास के दरिया में उतारा जाये

मेहरबाँ तेरी नज़र, तेरी अदायें क़ातिल
तुझको किस नाम से ऐ दोस्त पुकारा जाये #Jayen
banshiparihar6249

B.L Parihar

New Creator