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एक बेटी की आवाज 😔😔........ *********************

एक बेटी की आवाज 😔😔........
********************************************
वो सात दिन ,वो सात दिन 
जब मैं अपने महीने के सबसे दर्द में निकलती हू,
खुद को ना जाने क्यों अकेला सा पाती हू,
वहीं मंदिर जहां रोज पूजा करती हूं उससे क्यों इतनी दूर रखी जाती हूं!....
ना जाने बूंद- बूंद कर कितना खून बहाती हू,
ऊन दिनों में भी मिताली राज बन Cricket खेल जाती हू!.....
पिवी सिंधु बन हर जंग जीत कर आती हूं,
मिर्ज़ा बन कभी तो बन नेहवाल देश को जीत दिलाती हू!.....
मैं ही 1857 में लक्ष्मी बाई बन अंग्रेजों को डराती हू,
ईस बूंद -बूद के अस्तित्व से ही तो तुम्हें बाप, भाई,दादा बनाती हू!...
मैं सहती हू ये दर्द तभी तो एक नया जीवन उभार पाती हू!।
जरूरत सिर्फ मेरी नहीं ये पूरी समाज की है।
Periods सहना कोई खेल नहीं ये सच्चाई है आज की...
वो सात दिन, वो सात दिन 
तुम जिन नजरों से देखते हो मानो पापी हूं मैं।
पर एक बात समक्ष लो एक जनानी हूं मैं।
तालियों की हकदार हूं मैं,
एक दिन तुम्हारा खून बहे तुम घर बैठ जाते हो,
सात दिन खून बहाकर भी मिसाल बन जाती हूं।
कभी लक्ष्मी, कभी इंद्रा , कभी गीता भौगाट कहलाती हूं!....
हां मैं लड़की हूं और अपने पिरयडस पर नाज से सर उठाती हू!....
मैं कमजोर नहीं ,ईन खून के कतरो से और सहनशील बन जाती हूं!...
वो सात दिन वो सात दिन मैं गर्व से जीना जानती हूं।।।
अगर अब भी हम नहीं समक्षे तो इन्सान और शैतान में
 कोई फर्क नहीं रह जाएगा So please accept him
....Periods है तो हम है,Periods है तो हम है...

Shivam💖Angel✍️..... periods hain to hm hain periods hain to hum hain 💖💖
एक बेटी की आवाज 😔😔........
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वो सात दिन ,वो सात दिन 
जब मैं अपने महीने के सबसे दर्द में निकलती हू,
खुद को ना जाने क्यों अकेला सा पाती हू,
वहीं मंदिर जहां रोज पूजा करती हूं उससे क्यों इतनी दूर रखी जाती हूं!....
ना जाने बूंद- बूंद कर कितना खून बहाती हू,
ऊन दिनों में भी मिताली राज बन Cricket खेल जाती हू!.....
पिवी सिंधु बन हर जंग जीत कर आती हूं,
मिर्ज़ा बन कभी तो बन नेहवाल देश को जीत दिलाती हू!.....
मैं ही 1857 में लक्ष्मी बाई बन अंग्रेजों को डराती हू,
ईस बूंद -बूद के अस्तित्व से ही तो तुम्हें बाप, भाई,दादा बनाती हू!...
मैं सहती हू ये दर्द तभी तो एक नया जीवन उभार पाती हू!।
जरूरत सिर्फ मेरी नहीं ये पूरी समाज की है।
Periods सहना कोई खेल नहीं ये सच्चाई है आज की...
वो सात दिन, वो सात दिन 
तुम जिन नजरों से देखते हो मानो पापी हूं मैं।
पर एक बात समक्ष लो एक जनानी हूं मैं।
तालियों की हकदार हूं मैं,
एक दिन तुम्हारा खून बहे तुम घर बैठ जाते हो,
सात दिन खून बहाकर भी मिसाल बन जाती हूं।
कभी लक्ष्मी, कभी इंद्रा , कभी गीता भौगाट कहलाती हूं!....
हां मैं लड़की हूं और अपने पिरयडस पर नाज से सर उठाती हू!....
मैं कमजोर नहीं ,ईन खून के कतरो से और सहनशील बन जाती हूं!...
वो सात दिन वो सात दिन मैं गर्व से जीना जानती हूं।।।
अगर अब भी हम नहीं समक्षे तो इन्सान और शैतान में
 कोई फर्क नहीं रह जाएगा So please accept him
....Periods है तो हम है,Periods है तो हम है...

Shivam💖Angel✍️..... periods hain to hm hain periods hain to hum hain 💖💖