दीप जलाओ चिराग जलाओ उठो चलो प्रतिज्ञा करो इंसानियत मर चुकी है जहां ऐसे धर्म-धरोहर देश की रक्षा करों जिंदा करों मानवता को कुछ भी हो हर उपाय करो बुध्दिमान हो बुद्धिजीवी खुद को न शर्मसार करो जीते जी जब मार हो देते फिर रोकें न उपकार करों कुछ करना है तो उठो बढ़ो एक शक्ति का संचार करों कोख मैं तुमने बेटी मारी ,स्त्री मारी , इज्ज़त मारी तुम बेजुबानों को मार कर प्रकृति का अब न ह्रास करो संरक्षण तुम करो सभी का सोच में तुम सुधार करों खो गयी जो जीवांत आत्मा ढूंढने का अब प्रयास करो दिखावे से उठकर तुम मानवता संचार करो --shubham saini #शर्मसार_मानवता #मेरा_भारत #Poetry #hindipoetry #Nojoto #nojotopoetry